एमपी एग्रो निजी कंपनियों को नहीं दे सकेगा पोषण आहार का काम

 प्रदेश में पोषण आहार की सप्लाई का काम महिला स्व सहायता समूहों के 7 नए प्लांटों से ही होगा, लेकिन इन प्लांटों के संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहा एमपी एग्रो आहार वितरण का काम निजी कंपनियों, ठेकेदारों और संस्थाओं को नहीं दे सकेगा। दरअसल, 27 नवंबर को हई पिछली कैबिनेट में सरकार ने जब प्लांटों के प्रबंधन की जिम्मेदारी एमपी एग्रो को दी, उस समय ही यह तय कर दिया गया था कि वितरण का काम किसी भी आउटसोर्स एजेंसी से नहीं कराया जाएगा। यानी पाैने दाे साल पहले तक जिन निजी कंपनियाें के हाथ में पाेषण अाहार सप्लाई का काम था, अब उन्हें दाेबारा काम नहीं मिल सकेगा।  


 आहार सप्लाई की जो गाइडलाइन सुप्रीम कोर्ट ने तय की है, महिला एवं बाल विकास विभाग इसी के अनुरूप आहार सप्लाई की व्यवस्था बना रहा है।


नए सात में से पांच प्लांट में काम शुरू 
इस समय सात प्लांटों में से देवास, धार, होशंगाबाद, मंडला और सागर में उत्पादन शुरू हो गया है। शिवपुरी और रीवा में दिसंबर 2019 तक उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। भोपाल में एमपी एग्रो का सरकारी प्लांट पहले से चल रहा है। यानी दिसंबर तक प्रतिमाह पोषण आहार की जरूरत का उत्पादन भोपाल समेत सातों प्लांट करने लगेंगे


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